Thursday, March 10, 2016

आइये हम सब बात करें किताबों के बारे में.

दोस्तों, आप सभी का किताबों की बात पर स्वागत है,

मैं कुछ दिनों पहले एक मीटिंग में गया थाजो गूगल ने आयोजित की थी। उस मीटिंग में और भी बहुत से लोग ए हुए थे,
हम सभी लोगो को बताया गया की इंटरनेट पे हिंदी कंटेंट की बहुत कमी हैं.

यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है, क्योकि हिंदी दुनिया की दूसरी सबसे ज़्यादा बोलने वाली भाषा है , और जब इंटरनेट पैर कंटेंट की बात आती है, तो इसकी हिस्सेदारी १% से भी काम है.

मतलब हिंदी कटेंट की इंटरनेट पे बोहोत डिमांड है. मीटिं में और भी बातें हुई पर मेरा ध्यान केवल इस बात पे ही था की मैंने भी कभी इस बात पैर ध्यान नहीं दिया कि हिंदी कंटेंट बोहोत कम हैं और पढ़ने वाले बोहोत ज़्यादा। यही नहीं, पढ़ने वाले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसका एक कारन स्मार्टफोन्स का सस्ता होना है.

मैं तकरीबन ८ सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ पर मैंने कभी भी हिंदी में नहीं लिखा, केवल २-४ फेसबुक पोस्ट कभी खबर केर दी होंगी.

मुझे हिंदी भाषा से हमेशा से ही लगाव था, हाँ, यह अलग बात है की स्कूल में हिंदी में मेरे नंबर हमेश काम ही आते रहे, परमुझे कहानियों का बहु शौक था, प्रेमचंद की कहानिया में बड़े मज़े लेकर पढ़ा करता था.

समय के साथ सब बदल जाता है, आईसीए लगता है जैसे सदियाँ बीत गयी हों हिंदी पढ़े हुए, यहॉ कारन है की यह पोस्ट लिखने में मुझे बोहोत अच्छा लग रहा है , और इसलिए मैंने यह ब्लॉग शुरू किया है ताकि इसके माध्यम से मुझे हिंदी से फिर से जुड़ने का मौका मिले.

यह इस ब्लॉग का पहला पोस्ट है. मै कोशिश करूंगा की इस ब्लॉग पर कहानिया, मुहावरे , कविताये पोस्ट करूँ. आशा करता हूँ की आपको पसंद आएगा.